हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राकेश है और में कोलकाता में रहता हूँ..
दोस्तों में बहुत दिनों से कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ
और वो मुझे बहुत अच्छी लगती है और इसलिए मेरी भी इच्छा हुई कि में भी अपनी
कहानी आप लोगों को सुनाऊं। मेरी उम्र अभी 28 साल है और यह कहानी 4 साल
पुरानी है.. उस वक़्त मेरी उम्र 24 साल थी। दोस्तों मेरी एक गर्लफ्रेंड थी
जो शक्ल से ज़्यादा सुंदर नहीं थी.. लेकिन उसका शरीर बिल्कुल मदहोश कर देने
वाला एकदम सेक्सी था और में जब भी उसको देखता था तो मेरा लंड उसे देखते ही
सलामी देने लगता था। वो उस समय 20 साल की होगी और उसके बूब्स कम से कम 36
के तो ज़रूर होंगे और वो मेरे
sexstoryorchut
Thursday, 23 March 2017
बहु का कमरा
जब में सर्विस करने के लिए एक नए सहर में गया जहा पर एक कम्पनी में
इलेक्ट्रिकल इंजीनिएर कि जाब लग गई पर कही रहने के लिए रूम नहीं मिल रहा था
कंपनी के गेस्ट रूम में १५ दिन से रुका हुआ था ,कंपनी के नोटिश बोर्ड में
रोज देखता कि सायद कोई अच्छा सा रूम मिल जाए पर अभी तक निराशा ही हाथ लगी
कई रूम देखने भी गया पर रूम अच्छे नहीं थे एक दिन फिर से नोटिश बोर्ड में
सुचना लगी दिखाई दिया तो मैं उस ब्यक्ति से संपर्क किया जो कि हमारे कंपनी
में ही वर्कर था उससे मिला तो उसने हां कहा तब मैं उसके साथ उसके घर गया
काफी बड़ा दो मंजिला मकान था कई किरायेदार थे मुझे भी उसके माकान का रूम
पसंद आ गया किराया भी ज्यादा नहीं था सुबिधा भी बहुत अच्छी थी बाइक रखने कि
जगह थी पानी के लिए बोरिंग थी
बूब्स बहुत बड़े
मेरा नाम अंकित है और मेरी उम्र 22 साल है.. में गुजरात का रहने वाला
हूँ। वैसे मुझे बचपन से ही सेक्स बहुत अच्छा लगता था और में इसकी तरफ बहुत
आकर्षित था और आज में कामुकता डॉट कॉम पर अपने पहली सच्ची घटना सुनाने जा
रहा हूँ.. दोस्तों मुझसे इसमें कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करे। दोस्तों
यह उन दिनों की बात है जब में 18 साल का था.. तब मुझे लड़की बहुत पसंद आती
थी और लडकियों के अलावा में टीचर में भी बहुत रूचि रखता था और यह आज की
मेरी स्टोरी नंगी बातों से लंड उठाने वालोँ की नहीं.. लेकिन हुस्न के
दीवानो के लिए है। तो में अब आपको अपना परिचय दे देता हूँ.. दोस्तों मैंने
अपना लंड कभी नापा नहीं इसलिए आपको उसका साईज़ नहीं बता सकता.. क्योंकि लंड
साईज़ से नहीं.. ताकत से नापा जाता है। में जब स्कूल में पढ़ता था तब मेरी
एक ट्यूशन टीचर थी नैना.. वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और उन दिनों उसके
ब्लाउज में जब साईड में बैठकर देखता था तो उसके बूब्स की झलक उस ब्लाउज में
से एकदम साफ और बूब्स के आकार और ब्रा की झलक को देखकर मेरा लंड खड़ा हो
जाता था
ख्याल दिमाग
हाय, मेरा नाम सुनील है और मैं आप लोगों को अपनी सच्ची कहाँनी
सुनाता हूँ जो की कुछ महीनो पहले मेरे साथ हुई. में अपनी माँ के साथ एक
गावं में रहता हूँ. मैने शहर के एक स्कूल से 12 वी पास की और गावं में आ
गया अपनी माँ के साथ रहने और खेती बाड़ी संभालने. मेरी माँ चाहती थी की मैं
शहर में ही रहूँ पर मेरे पापा ने ज़ोर देकर कहाँ की अब मुझे ही खेती बाड़ी
संभालनी हैं तो मैं गावं मे आ गया. मेरे पापा शहर में रहते हैं और महीने
मे एक बार ही घर पर आते हैं. हमारे घर पर दो कमरे थे, एक मेरा और दूसरा
मेरी माँ का मेरी उम्र 19 साल है
अंदर चली गई
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सूरज है.. लेकिन यह बदला हुआ नाम है
और में आज आप सभी को कामुकता डॉट कॉम पर अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा
हूँ जो कि मेरे एक दोस्त की माँ की है। तब में 20 साल का था और और में
पढ़ाई के लिए अक्सर मेरे अपने दोस्त के यहाँ पर जाता था और हम दोनों एक साथ
मिलकर पढ़ाई किया करते थे। उसके घर में वो, उसकी माँ, उसकी एक छोटी बहन
शालू रहती थी और उसकी एक बड़ी बहन की शादी अभी दो महीने पहले ही हुई थी।
उसके पापा ड्राईवर थे और वो किसी बड़ी कम्पनी में गाड़ियाँ चलाते थे.. लेकिन
उससे उनके घर का खर्चा नहीं चलता था और उनका वो घर भी किराए का था जिसमे वो
रहते थे। उसमे दो बेडरूम थे.. एक बेडरूम में उसकी माँ और पापा और दूसरे
बेडरूम में वो, उसकी बहन सोते थे। हम उनके बेडरूम में ही पढ़ाई किया करते थे
और वहीँ पर सो जाते थे।
स्कूल में भी ट्यूशन
में अशोक शर्मा फरीदाबाद का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 27 साल है और
में एक कॉलेज में MBA के आखरी साल में पढ़ाई कर रहा हूँ। में आप अभी के
सामने कामुकता डॉट कॉम पर अपने जीवन की एक सच्ची घटना लेकर लाया हूँ। यह
घटना आज से लगभग एक साल पहले की है जब में MBA के पहले साल में था और मैंने
जो सब्जेक्ट लिया था उसकी तैयारी के लिए मैंने अपनी कॉलोनी के एक टीचर से
शाम की ट्यूशन लगा ली। में उनको भाई साहब बुलता था.. क्योंकि उनकी उम्र
लगभग 35 साल की होगी उनकी फेमिली में वो.. उनकी वाईफ 32 साल और उनकी एक
बेटी 7 साल की थी। उनकी बेटी अपने दादा- दादी के पास दिल्ली में रहती थी।
भाई साहब एक स्कूल में भी बच्चो को पढ़ाने जाते थे और स्कूल में भी ट्यूशन
देते थे और वहां से शाम को 6 बजे तक आते थे और 8 बजे फिर किसी के घर पर
ट्यूशन देने जाते थे।
चारुउसकी शरारत
चारु की जांघ विनय के जांघ से एक दम सटी हुइ थी. उसकी गांड के ऊपर
लेग्गिंग थी, जो की एक दम टाइट होक गांड से लिपटी हुई थी. ऊपर उसने
स्लीवेलेस पीले कलर का कुरता पहना हुआ था. कैब ऑफिस की तरफ बढ़ रहा था.
गर्मी का दिन था और दिन के 1 बजने वाले थे. ऐ.सि होने के बावजूद भी गर्मी
लग रही थी. पसीने की एक बूँद चारु के कंधे से उसकी बगल की तरफ बढ़ रहा था.
विनय नज़रें चुरा के देखने की कोशिस कर रहा था. चारु सर्वानी से बात कर रही
थी. कैब में विनय के अलावा चारु, सर्वानी, रवि और मनीष थे. कैब के पीछे
वाली सीट पे कुछ सामन रखा हुआ था इसी वजह से सभी लोग बहुत ठस के बैठे थे.
चारु विनय के बगल में थी, उसकी बगल में सरवनी थे. सामने वाली सीट पे रवि और
मनीष थे. अगले स्टॉप पे प्रिया कैब में बैठने वाली थी.
चारु वैसे थी तो हाइट में छोटी पर उसकी चूचियां और गांड बहुत मस्त थे. अभी हाल ही में शादी हुई थी उसकी. और शायद चुदाई खाने की वजह से गांड की गोलाई और साइज़ बड़ते जा रहे थे. चूचियां भी दब दब के एक दम बड़े हो रहे थे. विनय ने ये ऑफिस ज्वाइन करने के दिन ही चारु को देखा था, और 5 मिनट बाद टॉयलेट जाके मुत्थ मारा था. जब से उसने चारु को देखा , पोर्न स्टार्स भी फीके लगने लगे थे. उसकी शरारत भरी आँखें, चिकनी स्किन, स्लीवलेस पेहेनने पर नंगी बाजुयें, सुदोल गांड, विनय के सपने में भी आते थे. विनय बस एक बारउसे चोदना चाहता था. पर 2 महीने बाद उसकी शादी हो गयी, अब कोई और बंदा उसे छोड़ रहा था. क्या करेगा पांडू, जब किस्मत ही हो…. खैर..
चारु वैसे थी तो हाइट में छोटी पर उसकी चूचियां और गांड बहुत मस्त थे. अभी हाल ही में शादी हुई थी उसकी. और शायद चुदाई खाने की वजह से गांड की गोलाई और साइज़ बड़ते जा रहे थे. चूचियां भी दब दब के एक दम बड़े हो रहे थे. विनय ने ये ऑफिस ज्वाइन करने के दिन ही चारु को देखा था, और 5 मिनट बाद टॉयलेट जाके मुत्थ मारा था. जब से उसने चारु को देखा , पोर्न स्टार्स भी फीके लगने लगे थे. उसकी शरारत भरी आँखें, चिकनी स्किन, स्लीवलेस पेहेनने पर नंगी बाजुयें, सुदोल गांड, विनय के सपने में भी आते थे. विनय बस एक बारउसे चोदना चाहता था. पर 2 महीने बाद उसकी शादी हो गयी, अब कोई और बंदा उसे छोड़ रहा था. क्या करेगा पांडू, जब किस्मत ही हो…. खैर..
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