जब
मेरा golu नर्सरी
स्कूल में था
और मेरी बीवी
फिर से प्रेग्नेंट थी
तब मेरा वक़्त
बड़ा सूखा सूखा
निकल रहा था,
एक तो वैसे
ही मैं अपनी
सेक्स की प्यास
से भरा बैठा
था और ऊपर
से ये बेटे
के स्कूल वालों
ने पैरेंट टीचर
मीटिंग रख ली.
बीवी को पूरे
महीने थे तो
वो जा नहीं
सकती थी सो
मजबूरन मुझे ही
जाना पड़ा, पर
वहां जा कर
मुझे ये नुक्सान का
सौदा नहीं लगा
क्यूंकि मेरे golu की
नर्सरी क्लास की
टीचर एक हॉट
चश्मिश लड़की थी.
उसका नाम सुगंधा
था और जैसा
नाम वैसा ही
रूप, भेनचोद गज़ब
की सुगंधा मार रही
थी और जब
मेरे golu की
प्रोग्रेस रिपोर्ट बताने लगी तो
मेरा लंड प्रोग्रेसिव हाउस
की बीट्स पर
नाच रहा था.
पूरी
प्रोग्रेस रिपोर्ट लेने के दौरान
मैं उसका हर
तरह से रिपोर्ट ले
रहा था, कमाल
की हॉट लगती
थी पर पता
नहीं ऐसा गीक
चश्मा क्यूँ लगाती
थी वैसे ये
गीक चश्मा भी
उसके हॉटनेस को
कम नहीं कर
रहा था बल्कि
बढ़ा ही रहा
था. सुगंधा ने
डेटाबेस में मेरा नंबर
डालने के लिए
कहा क्यूँकी वहां
सिर्फ मेरी वाइफ
का ही नंबर
था और इन
केस ऑफ़ इमरजेंसी में
दो नंबर होने
चाहिए इसलिए मेरा
नंबर भी लिया.
मैंने सोचा काश
ये मेरा नंबर
मांगने की बजाए
अपना ही नंबर
दे देती तो
भला हो जाता
लेकिन मेरा सबसे
बड़ा प्रॉब्लम तो
ये था की
मैं एक शादीशुदा मर्द
था और पता
नहीं उसे किस
तरह के मर्दों में इंटरेस्ट था.
एक
दिन सुगंधा का
व्हाट्स एप्प पर मेसेज आया
कि दो दिन
बाद बच्चों का
पिकनिक है और
उस सामान की
लिस्ट दी हुई
थी जो बच्चों
के साथ भेजना
था, एकबारगी को
तो मैं खुश
हुआ लेकिन फिर
सोचा कि उसकी
तो ऑफिसियल ड्यूटी
है ये मेसेज
भेजना. मैंने भी
कर्टसी के नाते
थैंक्स लिख कर
भेज दिया तो
रिप्लाई आया एक स्माइली, फिर
मैंने एक एमोटीकॉन भेजा
फिर उसने और इस
तरह हम दोनों
ने एक दुसरे
को दिन भर
में ढेरों इमोटीकॉन भेजे और
फाइनली मुझे लग गया
की ये तो
गुरु फस चुकी
है.
पिकनिक
वाले दिन मैं
golu को स्कूल
छोड़ने गया तो
सुगंधा से मिल
कर उसे मेरे
बेटे की बदलते
मौसम की एलर्जी
के बारे में
बताने के बहाने
बात कर ली और
उसने बड़े ही
फ़्लर्ट अंदाज़ में
मुझसे बातें की,
थोड़ी देर बाद
मैंने उसे मेसेज
किया “कैसा चल
रहा है” उसने
पूछा “क्या” तो
मैंने लिखा “पिकनिक”
उसका जवाब आया
“फन” तो मैंने
रिप्लाई किया “मैं भी
फन करना चाहता
हूँ पर अब
मैं बच्चा नहीं
रहा” तो उसने
कहा “बड़े बच्चों
का भी फन
होता है”. इसी
तरह बातों बातों
में मैंने उसे
एक दिन पब
चलने के लिए
इनवाईट किया और
वो राज़ी हो
गई.
उस दिन जब मैं उसे पब के लिए पिक करने पहुँचा तो वो उस शोर्ट स्कर्ट और टॉप में गज़ब लग रही थी इस टॉप में से उसका एक कन्धा बाहर निकला हुआ था और उसके बूट्स तो उसे और भी कातिल लुक दे रहे थे.
उस दिन जब मैं उसे पब के लिए पिक करने पहुँचा तो वो उस शोर्ट स्कर्ट और टॉप में गज़ब लग रही थी इस टॉप में से उसका एक कन्धा बाहर निकला हुआ था और उसके बूट्स तो उसे और भी कातिल लुक दे रहे थे.
हम
दोनों ने पब
में काफी देर
तक बियर पी
डांस किया और
फिर उस ने
मुझे कहा चलो
कहीं और चलते
हैं, मैंने गाड़ी
निकाल कर हाईवे
का रुख किया
और उसे अपने
फेवरेट ढाबे के
बारे में बताया
तो वो खुश
हो गई. रास्ते
में उस ने
अपनी सीट को
बेक किया और
उस पर अधलेटी
सी हो गई,
अब उस टॉप
में से उसका
कंधा ही नहीं
बल्कि उसके बस्टीयर का
एक हिस्सा भी
दिखने लगा था
और जब उसने
ऐसे ही नशे
में अपनी टांगें
खोली तो उसकी
शोर्ट स्कर्ट में
से मुझे उसकी
चूत नज़र आई.
मैं
मन ही मन
खुश हुआ कि
आज तो पेंटी
भी नहीं पहनी
इसका मतलब फुल
तैयारी से आई
है, गियर चेंज
करते हुए उसकी
जाँघ से मेरा
हाथ दो तीन
दफे टकरा चुका
था लेकिन इस
दफे जब टकराया
तो उसने मेरा
हाथ ही अपनी
जाँघ पर रख
लिया. जिसे मैं
सरकाते सरकाते उसकी
चूत तक ले
गया और हलके
से अपनी उन्ग्लियोंन के
पोरों से चूत
पर मसाज करने
लगा, वो नशे
में तो थी
लेकिन इतनी भी
नहीं की उसे
अपनी चूत में
हो रही हलचल
समझ ना आए
सो वो धीरे
धीरे सिसकारियाँ भरने
लगी. सुगंधा ने भी
अपना हाथ मेरे
लंड पर रखा
और मसलने लगी
वो नशे और
नींद में भी
मुस्कुराते हुए कह रही
थी “मुझे पता
था की ये
ऐसा ही होगा,
बड़ा मोटा और
तैयार”.
मैं
हँस दिया और
बोला “तैयार तो
तुम भी हो”
तो उसने टांगें
चौड़ी कर के
कहा “हाँ पर
तुम तो सिर्फ
ड्राइव ही करोगे
ना” ये सुनते
ही मैंने एक
सुरक्षित जगह देख कर
पेड़ों की आड़
में गाड़ी रोक
ली. जैसे ही
गाड़ी रुकी सुगंधा
आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो
गई और तुरंत
सीट बेल्ट खोल
कर मुझ पर
टूट पड़ी, उसने
मेरे होंठों को
इतना मज़े से
चूसा कि मैं
फुल पॉवर में
आ गया था.
सुगंधा एक हाथ
से मेरे लंड
को सहला भी
रही थी और
मैं भी उसके
तने हुए चुचे
मसल रहा था,
उसने मेरे होंठ
अब भी नहीं
छोड़े थे और
एक हाथ से
मेरे पेंट का
बेल्ट खोल कर
मेरी अंडर वियर
में हाथ डाल
दिया और लंड
को हिलाने लगी.
मैंने
उसे कहा “यहाँ
ड्राइविंग सीट पर ढंग
से कुछ नहीं
होगा चलो पीछे
चलते हैं” तो
उसने मुझे वहीँ
टिके रहने का
इशारा किया मेरी
सीट को थोडा
पीछे खिसकाया और
सीट का पिछला
हिस्सा और पीछे
कर दिया जिस
से मैं अधलेटा
हो गया. अब
उसने मेरे लंड
को अच्छी तरह
से मसलना शुरू
किया और मेरे
लंड को पागलों
की तरह चूमने
लगी, मैं मारे
उत्तेजना के बावरा हुआ
पड़ा था और
उसे मेरा लंड
चूमते देख रहा
था. सुगंधा लंड
चूसने लगी और
मैं और पागल
हो गया क्यूंकि वो
क्यूट सी दिखने
वाली लड़की इस
तरह से लंड
चूस सकती है
ऐसा मैंने कभी
सोचा भी नहीं
था. सुगंधा मेरे
लंड के ऐसे
मज़े ले रही
थी जैसे उसे
काफी दिनों बाद
लंड मिला हो
और मैं खुश
था क्यूंकि एक
तो बीवी प्रेग्नेंट होने
की वजह से
सेक्स से वैसे
भी अछूता था
और दुसरे मेरी
बीवी ने मुझे
ऐसा सुख कभी
नहीं दिया था.
कभी
लंड को चूसती,
कभी लंड के
टोपे को चूमती,
अपने दाँतों से
चुभलाती, मेरे गोटों को
सहलाती और चूमती
सुगंधा मुझे इस
वक़्त किसी परी
सी लग रही
थी जो मेरी
इच्छाएँ पूरी करने के
लिए स्वर्ग से
भेजी गई है.
मैंने उसकी चूत
तक हाथ पहुंचाने की
कोशिश की तो
सुगंधा ने मेरा
हाथ वहां से
हटा दिया और
बोली “तुम्हे भी
मौका मिलेगा, अभी
बस एन्जॉय करो”
और वो फिर
से मेरे लंड
को चूसने में
बिजी हो गई.
सुगंधा ने लंड
को चूसते चूसते
उसे पूरा गीला
कर दिया था
और अब उसका
हाथ मेरे लंड
को हिलाने में
और भी तेज़ी
दिखा रहा था.
मैंने कहा “जब
निकलने वाला होगा
तब बता दूंगा
तुम मुंह हटा
लेना” तो वो
बोली “यार तुम्हे
प्रॉब्लम क्या है, शान्ति
से मज़ा नहीं
लेना है तो
मुझे घर छोड़
दो”.
मैं
चुप चाप वहां
बुत सा बैठा
सुगंधा से अपना
लंड चुसवा रहा
था और वो
किसी मशीन की
तरह मेरे लंड
पर लगी हुई
थी, मुझे याद
आरहा था जब
मैंने पहली बार
अपनी पत्नी को
लंड चूसने के
लिए कहा था
तो उसने कितने
नखरे दिखाए थे
और एक बार
तो मन भी
कर दिया था.
लेकिन बड़े पापड
बेलने के बाद
वो राज़ी तो
हुई पर फिर
भी ढंग से
नहीं चूसा, बस
दो तीन दफे
मुंह में लिया
और फिर बस
हिलाती रही और
होठों से टच
करती रही, और
एक ये सुगंधा
थी की लंड
चूसने का डिप्लोमा ले
कर आई थी
और मज़े ले
ले कर पूरे
ध्यान से चूस
रही थी. सुगंधा
का हाथ और
मुंह बराबर मेरे
लंड पर चल
रहा था और
इसी एक्साइटमेंट में
मेरे लंड ने
पिचकारी छोड़ ही दी
जिसे सुगंधा ने
बिलकुल वेस्ट नहीं
किया और पूरी
तरह पी गई.
मैंने
कहा अब तो
इसे गर्म होने
में वक़्त लगेगा
तो सुगंधा ने
कहा “मैं भी
थक गई हूँ
तो वक़्त तो
मुझे भी लगेगा,
इसलिए पहले ढाबे
पर चल कर
खाना खा लेते
हैं” मैंने पेंट
पहनी और गाड़ी
आगे बढ़ा ली.
गाड़ी में और
शराब पड़ी थी
सो हमने नीट
ही दो तीन
ड्रिंक मार लिए
और ढाबे पर
पहुँच कर खाना
खाने लगे. खाने
से फ्री हो
कर मैंने कहा
अब कहाँ चलोगी
चुदाई मचाने तो
बोली “अब तो
काफी लेट हो
गया है, कल
मेरी छुट्टी है
सो तुम भी
ऑफिस का देख
लेना और मेरे
घर ही आ
जाना”. बस ये
सुन कर तो
मेरी बाँछें खिल
गई और मैंने
गाड़ी सुगंधा के
घर की तरफ
बढ़ा ली.
अगले
दिन सुगंधा को उसके
घर जाकर बड़ी
शिद्दत के साथ
चोदा और फिर
ऐसी चुदाईयों का
सिलसिला चल पड़ा कि
ख़त्म ही नहीं
हुआ, मेरी बीवी
को बेटा हुआ
और हमने उसकी
ख़ुशी में जो
पार्टी दी थी
सुगंधा उस में
भी आई थी
और अब सुगंधा
हमारी फैमिली फ्रेंड
है. लेकिन मेरी
बीवी को अब
तक इस बात
का पता नहीं
है कि मैं
और सुगंधा चोदम
पट्टी में मौज
उड़ाते हैं, सुगंधा
ने मुझसे वादा
किया है कि
अगर उसकी शादी
भी हो जाती
है तो भी
वो मुझसे चुदने
आती रहेगी और
मुझे उसके इस
वादे पर ऐतबार
है.
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